29 Oct 2025
बैद्यनाथ रजक

बैद्यनाथ रजक

कला केवल कार्य की सुंदरता ही नहीं बल्कि आनंद का भी एक स्रोत है जो मानव मन को सरस बनाये रखती है। अपने कलात्मक शिक्षण से कक्षा को आनंददायी बना देनेवाले ऐसे ही एक शिक्षक हैं बैद्यनाथ रजक, जो बिहार के समस्तीपुर जिले के हसनपुर प्रखंड अंतर्गत प्राथमिक कन्या विद्यालय मालदह में 2006 से ही शिक्षा का अलख जगा रहे हैं ।खासकर उनके पढ़ाने का जो रोचक तरीका है वो बिल्कुल अनोखा है। वो अपनी कक्षा में खेल-खेल में और गीत विधि से बच्चों को पढ़ाते हैं। जिसके कारण वे न केवल बच्चों के बीच लोकप्रिय और प्रभावी हैं, बल्कि शिक्षकों और अभिभावकों के लिए भी प्रशंसा के पात्र बने रहते हैं।

यदपि शिक्षक बैद्यनाथ रजक लंबे समय से शिक्षा के उत्थान हेतु एक कर्मवीर की भाँति सतत प्रयत्नशील रहे हैं और सफल भी हुए हैं लेकिन सोशल मीडिया या आमलोगों के बीच उनकी बेहतरीन शिक्षण शैली तब प्रकाश में आयी थी जब कोरोनाकाल के बाद वे अपने पोषक क्षेत्र में गीत गाकर बच्चों को विद्यालय चलने के लिए प्रेरित करते देखे गये थे। उनके इस प्रयास की खूब सराहना हुई थी। किसी भी विषय को अपनी विशिष्ट शैली से उसे रोचक बना देना ही बैद्यनाथ रजक की पहचान है। चाहे वो कक्षीय गतिविधि हो, नामांकन जागरूकता अभियान हो, विद्यालय चलो कार्यक्रम हो या फिर कोई अन्य सामाजिक जागरूकता हो, उनकी भूमिका सराहनीय होती है। वे एक कुशल शिक्षक के साथ-साथ एक सफल सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं जो नुक्कड़ नाटक की सहायता से बाल विवाह, नशापान और दहेजप्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियों को लेकर मुखरता के साथ लोगों को जागरूक करते रहे हैं।

वर्ष 2022 में बच्चों को लू से बचाव हेतु उनका अनोखा प्रयास देश स्तर पर सुर्खियों में रहा और लोगों ने खूब सराहा। वे मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर के साथ-साथ अपने विद्यालय के फोकल शिक्षक भी हैं और सुरक्षित शनिवार के प्रत्येक कार्यक्रम को पूर्व तैयारी के साथ संपादित करते हैं, जिन गतिविधियों को सहज रूप से देखा जा सकता है। शिक्षक बैद्यनाथ रजक का साहित्य से भी गहरा लगाव है। जिसके कारण वे पाठ में आये किसी भी बिंदु पर कविता या गीत लिखकर कक्षा में प्रस्तुत करते रहते हैं। जिसका प्रसारण समय-समय पर राष्ट्रीय चैनलों के माध्यम से भी किया जाता रहता है।वे वास्तव में एक नवाचारी शिक्षक हैं। विद्यालय में कब और कौन सा नवाचार या बच्चों के बीच कौन सा व्यवहार परिवर्तन होना चाहिए, यह बात वो बखूबी जानते हैं और उसी के अनुरूप योजना बनाकर उसे कार्यरूप में परिणत करते हैं। जिसका प्रतिफल है कि जिले में उनका विद्यालय अपना एक विशिष्ट स्थान रखता है तथा अन्य विद्यालय के शिक्षक भी उनसे सीख लेते हैं। बच्चों के प्रति लगाव एवं समर्पण भाव के कारण ही उन्हें प्रखंड, अनुमंडल, जिला एवं राज्य स्तर पर भी सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष 2023 में अपनी उत्कृष्ट शिक्षण शैली के कारण ही वे बिहार के महामहिम राज्यपाल श्री अर्लेकर महोदय के द्वारा सम्मानित हो चुके हैं। साथ ही उसी वर्ष उन्हें बेहतर शिक्षण कौशल एवं प्राथमिक शिक्षा में किये गये नवाचारों के कारण शिक्षक दिवस पर राजकीय शिक्षक पुरस्कार से भी पुरस्कृत किया जा चुका है। आजादी के दशकों बाद भी जहाँ कुछ लोग अभी भी सरकारी विद्यालय की व्यवस्था पर उँगली उठा रहे हैं, वहीं बैद्यनाथ रजक जैसे शिक्षक उन्हें एक सिरे से खारिज कर रहे हैं।

 


Anupama Priyardarshani

R.U.M.S DUDHAHAN RAGHUNATHPUR

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