07 Nov 2022
भारतीय भाषाओं में विद्यालयी शिक्षा तथा बहुभाषी शिक्षक का निर्माण-  संगोष्ठी

भारतीय भाषाओं में विद्यालयी शिक्षा तथा बहुभाषी शिक्षक का निर्माण- संगोष्ठी

भारतीय भाषा समिति, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार एवं मैत्रेय कॉलेज ऑफ एजुकेशन एंड मैनेजमेंट के संयुक्त तत्वाधान में भारतीय भाषाओं में विद्यालयी शिक्षा तथा बहुभाषी शिक्षक का निर्माण पर दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है।
■ दिनांक 13 से 14 नवंबर 2022
■ स्थान- मैत्रेय कॉलेज ऑफ एजुकेशन एंड मैनेजमेंट, हाजीपुर

तो देर किस बात की नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके इस कार्यक्रम के बारे में अधिक जानकारी पाएं और दिए गए फॉर्म को अवश्य भरें। पंजीयन एवं शोध सारांश भेजने की अंतिम तिथि : 10 नवंबर 2022 (रात्रि 12 बजे तक)

मीडिया पार्टनर- टीचर्स ऑफ बिहार
 

 संगोष्ठी के विषय में :

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने इस बात पर जोर दिया है कि विद्यालयी शिक्षा के स्तर पर ही भारतीय भाषाओं के शिक्षण में आमूल-चूल बदलाव की आवश्यकता है। विषय या माध्यम, दोनों ही प्रकार से भाषाओं को पढ़ाने की पारंपरिक शैली बच्चों में उस भाषा को सीखने के प्रति अरुचि पैदा करती है। यह भी समस्याग्रस्त है कि शिक्षक आमतौर पर भाषा के स्थान पर साहित्य पढ़ाते हैं। इसलिए, छात्र ऐसी भाषाओं में दक्षता हासिल करने में विफल होते हैं। साथ ही, बहुभाषी शिक्षण से बच्चों के संज्ञानात्मक विकास में क्या मदद मिल सकती है, इसपर भी विचार करने की आवश्यकता है। यह शोधपरक तथ्य है कि अपनी मातृभाषा में शिक्षा होने से विद्यालय में बच्चें सहज महसूस करेंगे और इसके कारण तेजी से सीखेंगे। अन्य भाषा के माध्यम से सीखना छात्रों के दिमाग को एक ही समय में भाषा और जटिल अवधारणाओं, दोनों के साथ संघर्ष करने के लिए मजबूर करता है, जिसके परिणामस्वरूप सीखने की दर कम हो जाती है। इसलिए मातृभाषा में शिक्षण होने से बच्चे पाठ्यक्रम की बेहतर समझ अपना पाएंगे और इसका उनके अधिगम प्रतिफल (लर्निंग आउट्कम) पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इन सब के लिए शिक्षक का बहुभाषी होना आवश्यक है और इसके लिए उसके वृत्तिक विकास के तरीकों को सृजित करना होगा। यह भी ध्यान देने योग्य है कि भारत की भावनात्मक एकता और भाषाई सद्भाव को मजबूत करने के लिए बहुभाषिकता को देश के कोने-कोने में लोकप्रिय बनाने की आवश्यकता है। शिक्षक की तैयारी पर ध्यान दिए बिना यह संभव नहीं हो सकता। इसलिए इस संगोष्ठी में बहुभाषी कक्षाओं के लिए शिक्षकों को तैयार करने के विशेष पहलुओं पर भी चर्चा होगी। यहाँ एकभाषी शिक्षकों को बहुभाषी शिक्षकों के रूप में क्षमतावर्धन करने के युक्तियों के सृजन पर भी विचार-मंथन किया जाएगा। कार्यक्रम में वास्तविक उद्देश्य, गुणवत्तापूर्ण सामग्री/शिक्षण-अधिगम सामग्री और भारतीय भाषाओं को विद्यालय स्तर पर पढ़ाने की नवाचारी पद्धति तथा संबंधित शोध पर भी विमर्श होगा तथा आगे की सुझावात्मक कार्य योजना भी बनाई जाएगी।

 

 संगोष्ठी के उप-विषय :

  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 और भारतीय भाषायें
  • भारतीय भाषा परिवार और बिहार की भाषाएँ
  • बिहार की भाषाओं का विद्यालयी शिक्षा में समावेश
  • भाषा शिक्षण हेतु पाठ योजना एवं शिक्षण-अधिगम सामग्री
  • विद्यालय में भारतीय भाषा माद्यम से विभिन्न विषयों का शिक्षण  
  • मातृभाषा में शिक्षा और बच्चों का संज्ञानात्मक विकास
  • भारतीय भाषाओं में शिक्षण की नवाचारी एवं रोचक गतिविधियाँ
  • भारतीय भाषाओं में शिक्षण-अधिगम हेतु डिजिटल तकनीकी का उपयोग
  • बहुभाषी शिक्षण-अधिगम के लिए शिक्षकों की तैयारी 
  • शिक्षक-प्रशिक्षण संस्थानों में भाषा शिक्षण पर चिंतन एवं शोध

उक्त के अतिरिक्त अन्य संबंधित विषय/उप विषय भी आवश्यकतानुसार सम्मिलित किये जायेंगे।

ऑनलाइन पंजीयन करने के लिए लिंक

https://forms.gle/h4UM4Xe4pbRwjoGt7

 

(नोट : पंजीयन निःशुल्क है हालाकि, केवल चयनित प्रतिभागियों को ही आमंत्रित किया जाएगा।)

 

कौन-कौन पंजीयन कर सकते हैं?

विद्यालय शिक्षक, शोधार्थी, प्रशिक्षु, शिक्षक-प्रशिक्षक, विश्वविद्यालय शिक्षक, शिक्षा अधिकारी, आदि।

 

संगोष्ठी में शोधपत्र/लेख प्रस्तुति (पेपर प्रेजेंटेशन) के लिए महत्वपूर्ण जानकारी

यदि आप संगोष्ठी के तकनीकी सत्र में प्रस्तुति देना चाहते हैं तो ऑनलाइन पंजीयन करने के दौरान अपना सारांश (Abstract) अवश्य अपलोड करें। बाद में, पूर्ण शोध पत्र/लेख भी भेजना होगा।

शोधपत्र/लेख प्रस्तुति के लिए सारांश (Abstract) एक उपयुक्त शीर्षक एवं संक्षिप्त विवरण के साथ (समस्या, शोध अभिकल्प, परिणाम आदि से सम्बंधित बिन्दुओं को समाहित किये हुए) अधिकतम 200 शब्दों के भीतर, 3-5 मुख्य शब्द (Keyword) के साथ हो। सारांश के सबसे ऊपर उस उप-विषय/थीम का उल्लेख अवश्य करें, फिर शीर्षक लिखें। साथ ही लेखक/लेखकों के विवरण (नाम, पता ,मोबाइल नं.,  ईमेल) भी स्पष्ट रूप से लिखें।

अधिक जानकारी के लिए PDF को डाउनलोड करे|

                                                    

        

महत्वपूर्ण तिथियाँ

पंजीयन एवं शोध सारांश भेजने की अंतिम तिथि : 10 नवंबर 2022 (रात्रि 12 बजे तक)

संगोष्ठी हेतु शोध सारांश स्वीकृति का निर्णय : 11 नवंबर 2022 (दोपहर 2 बजे तक)

प्रतिभागी/प्रस्तुतिकर्ता के तौर पर आमंत्रण की सूचना : 11 नवंबर 2022 (सायं 5 बजे तक)

 

प्रमाणीकरण

उपस्थित पंजीकृत प्रतिभागियों/प्रस्तुतिकर्ताओं को उनके ऑनलाइन पंजीयन फॉर्म पर अंकित जानकारी के आधार पर प्रमाणपत्र प्रदान किया जायेगा।

 

प्रकाशन

अपेक्षित संख्या में गुणवत्तापूर्ण शोध-पत्रों/लेखों के आधार पर ISBN धारित पुस्तक का प्रकाशन भविष्य में किए जाने की योजना है।

 

किसी भी संबंधित सूचना के लिए संपर्क करें :

9334708885, hr@maitreyaedu.co.in

 

नोट : चयनित प्रतिभागियों/प्रस्तुतिकर्ताओं को अपने यात्रा का व्यय स्वयं वहन करना होगा। पूर्ववत सूचना देने पर केवल दूर से आनेवाले प्रतिभागियों/प्रस्तुतिकर्ताओं के लिए आवासन एवं भोजन की व्यवस्था आयोजक संस्थान द्वारा की जाएगी।

Share your Comment