आप्रवासी घाट हिन्द महासागर में मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुई में स्थित एक इमारत परिसर है। यह भारत से लाये गए अनुबन्धित श्रमिकों एवं श्रम कर्मचारियों तथा गिरमिटिया मजदूरों का एक आव्रजन डिपो या केन्द्र था जो कालान्तर में एक ब्रिटिश उपनिवेश बन गया। १८४९ से १९२३ के बीच लगभग ५ लाख से अधिक अनुबन्धित भारतीय अनुबन्धित श्रमिकों के रूप में इस इमिग्रेशन डिपो से गुजरे जिन्हें ब्रिटिश साम्राज्य भर में फ़ैले प्लान्टेशन्स में भेजा गया था। इस वृहत स्तर पर भेजे जा रहे श्रमिकों के आव्रजन से बहुत सी पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश के समाजों पर एक अमिट छाप छोड़ दी। इनमें अधिकांश संख्या भारतीयों की थी। मात्र मॉरीशस में ही वर्अतमान कुल जनसंख्या का ६८% भारतीय मूल से ही है। इस प्लेरकार ये आप्रवास डिपो या घाट मॉरीशस की एक ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक पहचान बन गया है।
अमरेन्द्र कुमार
डिस्ट्रिक्ट मेंटर (TOB)
रोहतास