श्री बृहदेश्वर मंदिर तमिलनाडु राज्य के तंजावुर में स्थित कई प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इसे पेरुवुदैयार कोयिल (Peruvudaiyar Koyil) के नाम से भी जाता है।
यह विश्व के सबसे बड़े एवं भव्य मंदिरों में से एक है, इस मंदिर का निर्माण चोल सम्राट राजाराज प्रथम द्वारा 1003 ईस्वी से 1010 ईस्वी के मध्य कराया गया था। उनके नाम पर ही इसे राजराजेश्वर मंदिर नाम भी दिया गया है।
यह मंदिर ग्रेनाइट पत्थरों से निर्मित है और इसमें अधिकांशत: बड़े शिला-खण्डों का इस्तेमाल किया गया है।
इस मंदिर की निर्माण कला की एक विशेषता यह है कि इसके गुंबद की परछाई पृथ्वी पर नहीं पड़ती।
इसके शिखर पर एक स्वर्णकलश स्थित है और जिस पत्थर पर यह कलश स्थित है, उसका वज़न अनुमानत: 80 टन है।
इस मंदिर की उत्कृष्टता के कारण ही यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर का दर्जा दिया है। वर्ष 2010 में श्री बृहदेश्वर मंदिर का 1000वाँ स्थापना वर्ष मनाया गया था।
अमरेन्द्र कुमार
डिस्ट्रिक्ट मेंटर (TOB)
रोहतास