यूनेस्को की टीम ने कालका-शिमला रेलमार्ग का दौरा करके हालात का जायजा लिया। टीम ने कहा था कि दार्जिलिंग रेल सेक्शन के बाद यह एक ऐसा सेक्शन है जो अपने आप में अनोखा है। यूनेस्को ने इस ट्रैक के ऐतिहासिक महत्व को समझते हुए भरोसा दिलाया था कि इसे वल्र्ड हैरिटेज में शामिल करने के लिए वह पूरा प्रयास करेंगे। और अन्ततः २४ जुलाई २००८ को इसे विश्व धरोहर घोषित किया गया।
अमरेन्द्र कुमार
डिस्ट्रिक्ट मेंटर (TOB)
रोहतास