Description :
दिवास्वप्न नामक पुस्तक को गुजरात के प्रसिद्ध शिक्षाविद 'गिजुभाई बधेका' ने 1932 में लिखा था. यह पुस्तक पहले गुजराती में प्रकाशित हुई थी और बाद में विभिन्न भाषाओं में अनुवादित हुई. गुजराती में आने के कुछ वर्ष बाद इस पुस्तक का काशीनाथ त्रिवेदी (दादा) ने गुजराती से हिन्दी में अनुवाद किया. मध्य प्रदेश ने हिन्दी में दिवास्वप्न को प्रकाशित करने की पहल की.
दिवास्वप्न से जुड़ी कुछ और जानकारीः
- यह पुस्तक मेरे जीवंत अनुभवों में से उपजी है.
- दिवास्वप्नों का मूल वास्तविक अनुभव हो, तो वे मिथ्या नहीं जाते.
- यह दिवास्वप्न प्राणवान, क्रियावान, निष्ठावान शिक्षकों के लिए भी वास्तविक स्वरूप प्रदान कर सकता है.
- दिवास्वप्ना एक 2021 भारतीय गुजराती ड्रामा फ़िल्म भी है.
- दिवास्वप्न कहानियां गुजराती में दस पुस्तकों में प्रकाशित हुई हैं.
- इन कहानियों का हिन्दी अनुवाद सस्ता साहित्य मण्डल, नई दिल्ली ने पांच पुस्तकों में किया है.