महावारी एक स्त्री के लिए स्वस्थ प्रजनन क्षमता की निशानी है जबकि हमारे समाज में महावारी को एक न बोलने वाला विषय के रूप में समझा जाता है ।हमें अपनी बालिकाओं से इस विषय खुलकर बात करनी चाहिए ।इस विषय पर जितनी भी समस्याएं उनको हो एक शिक्षक होने के नाते उन समस्याओं का निराकरण करना चाहिए।समाज एक ऐसा माहौल बनाया जाना चाहिए जिससे वो खुलकर इस विषय पर बात कर सके। क्योंकि स्त्री ही इस धारा की जननी है अगर स्त्री स्वस्थ ना रहे तो हमारे आसपास एक स्वस्थ समाज का निर्माण नहीं हो सकता। चुप्पी तोड़ो खुलकर बोलो