Smita Thakur (स्मिता ठाकुर )
ID: df945a30a17a

अनुगूँज-हिंदी की

  • Gender: 👩 Female
  • Class / Role: 👩‍🏫 Teacher
  • School: 🏫 Higher Secondary School karnpur,supaul (उच्च माध्यमिक विद्यालय कर्णपुर, सुपौल )
  • District & Block: 📍 SUPAUL, SUPAUL
  • Applied Category: 📝 पत्र लेखन
Rejected
पत्र-लेखन

मेरी प्यारी वैष्णवी...

ढ़ेर सारा प्यार और आशीर्वाद।

तुम्हें भी लग रहा होगा कि आज अचानक मम्मी ने ऐसे क्यों कोई चिट्ठी लिखकर चुपके से मेरे पेंसिल बॉक्स में डाल दी हैं, जबकि हम तो रोज घर पर मिलते ही है।

तो बेटा इसकी एक खास वजह है।तुम रोज ही अपने स्कूल की बातें मुझसे किया करती हो कि आज क्या पढ़ा? क्या किया? मैंने अवलोकन किया कि अन्य भाषा और विषय में  तो तुम अच्छी हो पर स्वयं की मातृभाषा ही तुम्हारे ध्यान से दूर होती जा रही।तुम्हे याद होगा परसों मैंने विज्ञान से एक प्रश्न तुमसे पूछा था कि ' प्रकाश संश्लेषण' किसे कहते हैं? पर तुम अनुत्तरित रह गयी फिर जैसे ही मैंने पूछा कि फ़ोटो सिंथेसिस क्या है?तो तुमने झट से बता दिया..

बेटे हम जिस समाज मे रहते हैं वहाँ कुछ दूरी व अंतराल पर ही विभिन्न  प्रकार के उपभाषा का प्रयोग होता है जैसे मगही,भोजपुरी, अंगिका, मैथिली और भी बहुत कुछ..पर जिसे तुम नहीं जानती लेकिन एक भाषा है जिसमें तुम विचारों का आदान-प्रदान बड़ी आसानी से कर लेती हो और वो भाषा हिंदी है।जरा सोचो मनुष्य एक सामाजिक प्राणी होकर भी समाज से संवाद ही स्थापित ना कर पाए तो क्या वह बेहतर तरीके से जी पायेगा?क्या समाज के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन वो कर पायेगा? नही ना? इसलिये हम अपनी मातृभाषा का सम्मान सर्वप्रथम करना सीखें।

देखो मेरी प्यारी वैष्णवी मुझे पता है कि अंग्रेजी वैश्विक भाषा है,जो हमें अपने देश के अन्य हिस्सों व दुनियां से जोड़े रखने में अत्यंत सहायक है परंतु इसका ये अर्थ कदापि नही की हिंदी भाषी होना हमारे करियर में अवरोधक होग। कई ऐसे उदाहरण है मेरी बच्ची जिसमे हिंदी भाषा-भाषी छात्रों ने देश के सर्वोत्तम परीक्षा में उच्च स्थान प्राप्त किया है।

कहने का तात्पर्य ये है कि हमारी मातृभाषा ही निसंदेह हमारे सोचने-समझने की शक्ति का आधार होता है जिसके बल पर हम सिर्फ अच्छे व्यक्ति ही नही बल्कि एक समझदार नागरिक,सच्चे देशभक्त व अच्छे मनुष्य बन सकते हैं।

प्यारी वैष्णवी आशा है कि मेरे इस पत्र को पढ़ने के पश्चात तुम्हारा हृदय परिवर्तन हिंदी को लेकर जरूर हुआ होगा और आइंदा तुम हिंदी को लेकर कोई हीन-भावना भी नही लाओगी..

पुनः ढेर सारा प्यार मेरी बच्ची...

तुम्हारी शिक्षिका मम्मी  जो हर बात तुम्हे यूँही पत्र-लेखन के माध्यम से समझा जाती हैं...

Remarks
The number of words in the letter exceeds the word limit
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