Arun Kumar (अरुण कुमार )
ID: 71d4e7fae5d4

अनुगूँज-हिंदी की

  • Gender: 👨 Male
  • Class / Role: 👩‍🏫 Teacher
  • School: 🏫 +2 school Rakasiya Dayalchak jehanabad (+2विधालय रकसिया दयालचक जहानाबाद )
  • District & Block: 📍 PATNA, PALIGANJ
  • Applied Category: 📝 काव्य लेखन
Rejected
हिन्दी की पहचान

🌸 हिंदी की पहचान 🌸

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सिंध से तु हिंद हुआ है ,

हिंद से हिंदुस्तान ।

 जिस भाषा को सीखने आये,

बाहर से अंजान ।

आगे चलकर बट गया तु, भारत-पाकिस्तान......2


चाहे आए जॉर्ज मैकाले,

 चाहे हंटर खास ।

सबको भा गया था भईया, देवनागरी के साख।

 हिंदी, गुजराती , मराठी ,

बना था साठ गांठ ।

 यही वो भाषा है  भईया,

 बढा दी सबकी शान

आगे चलकर बट गया तू ,

भारत पाकिस्तान.......2


सबको भाया हिंदी की माया, जगत में खुब नाम कमाया ।

गांधी नेहरू को ताड गया,

  सात समुंदर पार गया ।

बना तु देश के निशान

मिला जब तुम्हें उचित स्थान।

 जब बना अपना संविधान ।

बढ़ गया तुम्हारी शान ।

आगे चलकर बट गया तु, भारत-पाकिस्तान....2

लल्लू लाल ,सादा सुखलाल ,

सब ने कर दिया कमाल।

 सारे जगत पर इसने भईया, अपना परचम फहराया हैं।

जन-जन से मिलकर भईया 

देश प्रेम  सिखलाया हैं।

भारत को मिला था भईया 

एक नया पहचान ।

आगे चलकर बट गया तु, भारत-पाकिस्तान.....2


खड़ी बोली थी, क्षेत्र बड़ा था। सबके दिल में घुला मिला था। कर न सका  बराबरी कोई,

 पूरा हिंदुस्तान ।

आगे चलकर बट गया तु, भारत-पाकिस्तान......2


14 नवंबर 1949 को जब मिला अपना पहचान।

भारत का बना था अपना संविधान।

 राजभाषा का मान मिला था।

हिंदी का अरमान मिला था 

  एक नया पहचान ।

आगे चलकर बट गया तु भारत-पाकिस्तान......2

      कवि

  अरुण कुमार

9097792885

ब ऊआ पालीगंज पटना

Remarks
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