Sangita Kumari (संगीता कुमारी )
ID: 219430a050c1अनुगूँज-हिंदी की
- Gender: 👩 Female
- Class / Role: 👩🏫 Teacher
- School: 🏫 NPS BHANKHANPUR (न्यू प्राथमिक विद्यालय भनखनपुर )
- District & Block: 📍 KAIMUR (BHABUA), MOHANIA
- Applied Category: 📝 काव्य लेखन
वाह री! हिंदी कहां चली
राष्ट्रीय हिंदी दिवस
वाह री! हिंदी कहां चली।
अपनी ही माटी को छोड़ चली।
घर-आंगन में झंकार थी तेरी,
गांव-गांव में पुकार थी तेरी।
हर घर में तेरी ही निशानियां,
मां की लोरी दादी की कहानियां।
अपनी ही संस्कृति में पली - बढ़ी,
वाह री! हिंदी कहां चली।
तुलसी की तू रामचरितमानस,
गाते थे सारे जनमानस ।
कबीर के दोहे जायसी की चौपाई,
तेरे ही शब्दों की बजती शहनाई।
अतीत में मचाई थी तू खलबली,
वाह री! हिंदी कहां चली।
हिंदी आज बिसराई जाती,
अंग्रेजी की धुन में दबाई जाती।
विद्यालय कक्षाओं से मिटती,
अपनों के होठों से हटती।
जन - जन की तू थी भली,
वाह री! हिंदी कहां चली।
बाजार के शोर में खोती पहचान,
राजभाषा है भारत की जान।
गंगाजल- सी निर्मल धारा,
सदियों से सब ने लिया सहारा।
फिर क्यों तू हुई मनचली,
वाह री! हिंदी कहां चली।
हर दिल में गूंजे तेरी बानी,
तेरे बिन अधूरी है कहानी।
ओ! हिंदी जागो अब उठ खड़ी,
मत पूछो फिर कहां चली।
वाह री! हिंदी कहां चली।
संगीता कुमारी
न्यू प्राथमिक विद्यालय भनखनपुर